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भारतीय गोवंश का हमारे जीवन में आध्यात्मिक महत्व।

हमारे वेदों में कहा गया है  “सर्वदेवमयी गौ” अर्थात गौ माता के अंदर सभी देवी देवताओं( 33 कोटी या प्रकार) का निवास है ” मातरः सर्वभूतानां गाव: सर्वशुखप्रदा:” अर्थात गाय सबकी माता है एवं सभी सुख समृद्धि प्रदान करने वाली है ”

गौ माता के अंदर 33 कोटी देवी देवता का निवास है

इसे यदि शोध युक्त नजरिए से देखें तो हम पाएंगे की गाय के गव्यो में हर एक पोषक तत्व विद्यमान है जिससे किसी भी मनुष्य, जीव जंतु एवं वनस्पतियों का संपूर्ण विकास संभव है। इसलिए यह वाक्य ‘गाय के अंदर 33 कोटी देवी देवता का निवास है’ आध्यात्मिक के साथ-साथ तार्किक रूप से भी सत्यापित है।

भारतीय गोवंश के आसपास एक ओजस आभा हमेशा रहता है यदि हम गोवंश के साथ समय व्यतीत करते हैं तो हम मानसिक रूप से भी हमेशा स्वस्थ रहते हैं।

आज के समय में गलत भजन एवं गलत दिनचर्या के वजह से लोगों के अंदर मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है जिसके वजह से शरीर के अंदर बेवजह का विकार उत्पन्न हो जाता है जैसे कि ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और भी बहुत कुछ यदि हम भारतीय गोवंश के साथ समय बिताते हैं तो यह भी विकार धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। इसलिए भारतीय गोवंश की पूजा अर्चना करना केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह तार्किक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
हमारे अध्यात्म में कहा गया है कि गाय को सबसे पहले रोटी दी जाती है अर्थात जो पहली रोटी बनी हुई है वह गाय माता के लिए होती है यदि हम इसे थोड़ा तर्कपूर्ण समझे तो देखेंगे जो पहली रोटी बनी हुई है उसे पचाने की क्षमता केवल और केवल गाय माता के अंदर ही होता है इसलिए हमारा आध्यात्मिक वैज्ञानिक तथ्यों पर भी सत प्रतिशत खड़ा उतरता है।
भगवान श्रीकृष्ण को सबसे अति प्रिय गौ माता एवं शिवपुराण में साफ-साफ लिखा हुआ है, नंदी महाराज की सेवा करना साक्षात शिव भगवान का सेवा अर्चना करना है, एक नंदी महाराज की सेवा करना 100 गौ माता के सेवा करने के बराबर कहा गया है।
इसलिए गाय को माता कहा जाता है, एवं नंदी महाराज को पिता तुल्य माना जता है।
                       लेकिन इस अत्याधुनिक समय में, आध्यात्मिक मान्यता एवं आस्था से अधिक वैज्ञानिक तथ्यों एवं तर्कों पर जोड़ दिया जाता है । और इस वैज्ञानिक तथ्यों एवं तर्कों पर भी हमारा अध्यात्म एवं आस्था शत् प्रतिशत खड़ा उतरता है। आई समझते हैं।
भारतीय गौवंश के कंधे पर शिवलिंग नुमा उठा हुआ आकार होता है जिसे कुकून्द कहा जाता है, जिसमें सूर्य केतु नाड़ी होती है जो सूर्य-किरणों को अवशोषित कर गोवंश से प्राप्त सभी जैविक तरल पदार्थ ( दुग्ध एवं गोमूत्र)में प्रवाहित कर देती है। इसलिए गाय के दूध में स्वर्ण क्षार पाया जाता है, इसलिए गाय का दूध अमृत के समान है। नित्य गौ दूध के सेवन से किसी भी प्रकार का दोस् या विकार शरीर में उत्पन्न नहीं होता है।
भारतीय गोवंश( गौ माता एवं नंदी महाराज) सुख समृद्धि का आधार।

आज के इस तकनीकी समय में ज्यादातर काम तकनीकी की मदद से किया जाता है, जो कि अधिक खर्च बढ़ता है साथ ही साथ पर्यावरण पर सीधा इसका दुष्प्रभाव पड़ता है, थोड़े समय पहले खेती करना हो या कोई अन्य कार्य ढोने के लिए हौ बेल को ही उपयोग में लिया जाता था जिससे हमारा खेत बंजर नहीं होता था ना ही पर्यावरण पर इसका दुष्प्रभाव होता था। नंदी महाराज के साथ रहने में यह भी फायदा होता था, की  उनके कुकून्द से भीनी-भीनी खुशबू आती रहती थी जिससे उनके साथ में रहने वाले को कभी भी मानसिक तनाव नहीं होता था और लोग मानसिक रुप से हमेशा स्वस्थ रहते थे।

इसलिए हर किसी का कर्तव्य भी बनता है की  गोवंश का संरक्षण करें और सबसे बड़ा धर्म ,सेवा धर्म करें। जो है गोवंश की सेवा करना। हमारे वेदों में कहा गया है,अगर हम गोवंश के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं, बताते हैं, तो यह भी एक प्रकार का सेवा ही है, तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को गोवंश के बारे में बताएं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें।
               जय श्री राम ,राधे-राधे, भारत माता की जय।🙏🙏

गोवंश सेवक, क्षत्रिय का कर्तव्य है धर्म के मार्ग पर चलना एवं लोगों को इसके लिए प्रेरित करना।

0 thoughts on “भारतीय गोवंश का हमारे जीवन में आध्यात्मिक महत्व।”

  1. भारतीय गोवंश का प्रकृति को बचाने में अहम भूमिका होगा, इसलिए इनका संरक्षण संवर्धन अति आवश्यक है।

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