दूध से निकाला गया मक्खन मलाई से निकाले गए मक्खन से ज्यादा उत्तम होता है।
ताजा निकाला हुआ मक्खन ठंडा,बलवर्धक, पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला मल को बांधने वाला होता हैं ।मक्खन रक्त पित्त एवं नेत्र रोग को दूर करता है।
मक्खन को संस्कृत में नवनीत भी कहते हैं अर्थात जो रोज नया बनाया जए।
मक्खन बल बढ़ाने वाला कफ कारक एवं आंखों के लिए हितकर होता हैं।
मक्खन मेध्य यानी मानसिक बुद्धि वृद्धि करता है ,दीपनीय यानी पाचन शक्ति को बढ़ाना, हृदय के लिए लाभ कारी एवं संग्रही अर्थात शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता करता है।
शरीर पतला होता जा रहा है चिड़चिड़ा स्वभाव हो गया है तब मक्खन का सेवन अवश्य करें।
आंखों में ज्वलन हो तब गोमाता का मक्खन आंखों पर लगाना चाहिए।
टीबी के बाद शक्ति के लिए गोमाता का मक्खन शक्कर के साथ खाना चाहिए।
जब रक्त के दस्त हो तो गोमाता का मक्खन शहद के साथ लेना चाहिए।
बवासीर (piles) मैं जब खून निकलने की समस्या हो तो भी मक्खन कारगर है।
इसलिए गोमाता का मक्खन(दूध से दही दही से मक्खन) का ही सेवन करना चाहिए जो शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक है। आई मिलकर गौ माता कीसेवा करें, पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। जय श्री राम, राधे-राधे, भारत माता की जय।
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