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भारतीय गौ माता का अमृत तुल्य दूध।

 भारतीय गौ माता का अमृत तुल्य दूध।

 
आदिकाल से हमारे यहां दोहन (सिर्फ दो थन का दूध निकालना) का प्रचलन है, जिससे गाय माता अपनी संतुष्टि से दूध दिया करती है और बच्चा हुआ पूरा दूध इनके बच्चों के लिए होता है। जिस वजह से इनके बच्चों का पूर्ण  विकास होता है एवं इनके बच्चे शीघ्र तैयार हो जाते है, यदि बछिया है तो गाय बनने लिए और बाछा है तो नदी बनने के लिए। बच्चा हुआ दो थन का दूध पीने से गाय माता कि संतति (बछिया या बाछा) गाय माता से भी अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं। भारतीय गौ माता के कधे पर कुकून्द होता है, जिसके कारण इनके दूध में स्वर्ण होता है, यह पिछले लेख में जान चुके हैं। आज जानते हैं भारतीय गौ माता का दूध अमृत तुल्य कैसे हैं।
         
भारतीय गौ माता के दूध में CLA&VFA(CONJUGATED LINOLEIC ACID AND VOLATILE FATTY ACID) पाया जाता है, जो कि कैंसर को रोकता है । 
 
भारतीय गौ माता के दूध में CERIBROSIDE( मेध्य) पाया जाता है, जो की बुद्धि को तीव्र करता है।
 
भारतीय गौ माता के दूध में CAROTINE( चक्षुस्य) पाया जाता है, जो की दृष्टि दोस को दूर करता है।
 
भारतीय गौ माता के दूध में HDL(HI DENSITY LIPO PROTEIN OR GOOD CHOLESTEROL) पाया जाता है, यह स्मालेस्ट फैट मॉलिक्यूल है, जो खून के अंदर  बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
 
 
ऊपर दर्शाया गया चित्र अनुसार बनाया गया घी ही  घृत होता है। घृत, मतलब बिलोना पद्धति से प्राप्त घी।
 
दुनिया में सिर्फ गौ माता से प्राप्त जैविक उत्पाद के अंदर यह गुण होता है, की यदि इन उत्पादों को मिलाया जाए तो इनके पोषक तत्वों में वृद्धि जुड़ कर आता है। यदि हम पंचगव्य (दूध, दही, गोमूत्र, गोमय एवं घी)घी का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर का विक्राल से विक्राल विकार भी समाप्त हो सकता है।।
 
             इस प्रकार हमारी गौमाता पूजनीय वंदनीय है, जो सभी दोष एवं विकार से मुक्त कर सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को गौ माता की सेवा करनी चाहिए। इस लेक को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं, ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
            जय श्री राम, राधे राधे-राधे, भारत माता की जय।🙏🙏
 
 
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इसलिए भगवान श्रीकृष्ण को गाय प्यारी है #kshatriyagodhan

 

गोवंश सेवक, क्षत्रिय का कर्तव्य है धर्म के मार्ग पर चलना एवं लोगों को इसके लिए प्रेरित करना।